राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोमवार को अपनी मां राबड़ी देवी से सारण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का आग्रह करके राजद के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है.उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके आग्रह पर विचार नहीं किया गया तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से चुनावी मैदान में कूद पडेंगे.
तेज प्रताप ने ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ के गठन का ऐलान करते हुए सोमवार को कहा, ‘सारण मेरे पिता लालू जी और मां राबड़ी जी की सीट है. मैं अपनी मां से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि वह खुद वहां से चुनावी मैदान में उतरें. अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडूंगा और इसे जीतने की पूरी कोशिश करूंगा.’
बिहार के वैशाली जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक और प्रदेश के पूर्व मंत्री तेज प्रताप ने अपने नए संगठन ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ के बारे में बताया कि यह राजद से अलग नहीं है और उन्होंने अपने माता-पिता की तस्वीरों के अलावा छोटे भाई तेजस्वी यादव की ओर इशारा किया.
सारण जिला के तहत आने वाली परसा विधानसभा सीट से राजद विधायक चंद्रिका राय को उनकी पार्टी ने सारण लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया था.उनकी बेटी ऐश्वर्या की पिछले साल मई में तेज प्रताप के साथ शादी हुई थी. हालांकि बाद में शादी के छह महीने से कम समय के भीतर तलाक की याचिका दायर की गई थी.
राय ने उनकी उम्मीदवारी की उनके दामाद द्वारा विरोध किए जाने को नकारते हुए कहा था ‘वह पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं. वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो राजद के हितों के लिए हानिकारक हो.’
सारण लोकसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आखिरी बार वर्ष 2009 में वहां से जीत दर्ज की थी. चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
2014 में लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सारण सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी से हार गईं थीं.
तेज प्रताप अपने दो करीबी सहयोगियों चंद्र प्रकाश और शिवहर को टिकट दिए जाने का दबाव बना रहे थे.उन्होंने अपने मोर्चे के तहत दोनों संबंधित सीटों पर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा भी कर दी है.
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए तेज प्रताप ने कहा कि पार्टी मेरे खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है. राजद नेतृत्व को यह महसूस करना होगा कि बिहार में राजग सरकार के खिलाफ व्यापक आक्रोश है जिसकी फसल हमें काटनी है. हमें लोगों को नाराज नहीं करना चाहिए.
एक स्थानीय अखबार के अनुसार, तेज प्रताप यादव ने कहा है कि दोनों भाइयों के बीच कोई अनबन नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा छोटा भाई तेजस्वी यादव ‘चापलूसों’ से घिरा है.
उन्होंने चापलूसों को बैक्टीरिया की संज्ञा देते हुए कहा कि ऐसे चापलूस, जो पार्टी के लिए बैक्टीरिया बन चुके हैं, उन्हें खत्म करने के लिए ही मैंने ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ का गठन किया है.
उन्होंने कहा कि वह ‘बागी’ नहीं हैं. वह अपने ‘अर्जुन’ भाई तेजस्वी के ‘कृष्ण’ की भूमिका में हैं.उन्होंने गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता में राजनीति की बातें हैं. साथ ही महाभारत की कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि पांडवों ने कौरवों से पांच गांव की मांग की थी. लेकिन, उन्हें नहीं दी गई.
तेज प्रताप यादव ने पार्टी के अंदर के लोगों पर ही पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग आरएसएस-भाजपा से आ गए हैं. इसलिए उन्होंने ऐसे उम्मीदवार के लिए आवाज उठाई है, जिन्होंने अपना परिवार को छोड़ कर पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की.
मालूम हो कि तेज प्रताप यादव द्वारा पांच उम्मीदवारों के नामों का एलान करने के बाद राजद का एक बड़ा तबका नाराज है. तेज प्रताप यादव के फैसले से नाराज तबका द्वारा कार्रवाई की मांग उठाये जाने की बात कही जा रही है.
वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंगलवार को ट्वीट कर राजद नेता तेज प्रताप यादव के ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ बनाये जाने पर तंज कसा.
उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि ‘कोई ‘ला-रा कंपनी’ बना कर माल बनाया, तो कोई अब ‘ला-रा मोर्चा’ बना कर तनक कर सामने गया.’
राजद के चुनाव चिह्न पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘बिहार अब विकास के पथ पर आगे बढ़ चुका है. अब यहां के लोगों को ‘लालटेन’ नहीं ‘एलईडी’ चाहिए.’